1. एक बगिया माँ के नाम योजना क्या है?
मध्यप्रदेश के CM डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में राज्य के 30,000 महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए “एक बगिया माँ के नाम योजना” की शुरुआत की है, जिसके तहत:
- हर महिला के निजी या सहमति युक्त परिवार की जमीन पर फलों के पेड़ों की बगिया लगाई जाएगी
- इस पहल का उद्देश्य महिलाओं की आजीविका, ग्रामीण रोजगार और हरित आवरण को बढाना है
यानी, यह सिर्फ हर्टिकल्चर स्कीम नहीं, बल्कि एक महिलाओं को आत्मनिर्भर और पर्यावरणीय सुधार की मजबूत नींव है।
2. योजना का लक्ष्य और बजट
- कल कुल बजट: लगभग ₹900–1,000 करोड़
- यह पैसे योजना के पहले 3 वर्षों में चरणबद्ध तरीके से निवेशित किए जाएंगे bhaskarenglish.in
- 30 हजार एकड़ जमीन में 30 लाख फलदार पेड़ लगाए जाएंगे (औसतन 10 पेड़ प्रति एकड़)
- इस निवेश से महिलाओं की फसल आय में बड़े बदलाव की संभावना है।
3. पात्रता – कौन बन सकता है लाभार्थी?
- इनकी बगिया स्व-सहायता समूह (SHG) की महिला सदस्यों में से होगी
- यदि किसी महिला के पास भूमि नहीं है, तो पति या परिवार के भूमि मालिक की लिखित सहमति से पेड़ लगाए जा सकते हैं
- शर्त है कि यह भूमि निजी या पारिवारिक होनी चाहिए—सरकारी जमीन पर योजना लागू नहीं होगी
4. लाभ – क्या मिलेगा लाभार्थियों को?
- ₹3 लाख सहायता – प्रति महिला एक एकड़ बगिया बनाएँ, fencing, irrigation, pits, water tank, sapling, fertilizers आदि में खर्च के लिए तीन किस्तों में
- प्रशिक्षण कार्यशालाएँ – पौधा लगाना व orchard maintenance के लिए
- हर्टिकल्चर सपोर्ट – saplings, ड्रिप irrigation, fencing किट और water harvesting टैंक
- SIPRI सॉफ्टवेयर – साइट चयन, मिट्टी व मौसम के अनुसार tree species चयन में मदद
5. स्टार्ट डेट और अभियान अवधि
- समारोह के तहत 15 अगस्त 2025 से शुरू होकर 15 सितंबर 2025 तक योजना पूरी होगी
- यह योजना “एक पेड़ माँ के नाम” की ग्रीष्मकालीन पहल के साथ सामंजस्य स्थापित करती है
6. मुख्य विभाग और उपकरण
इस योजना को लागू करने में कई विभाग सहयोग करेंगे:
- Panchayat & Rural Development – जमीन पहचान, समूह चयन, monitoring
- Horticulture Department – sapling, technical support, training
- Forest Department – साइट विश्लेषण, परमानेंट ग्रीन कवर
- Urban Development – कैंप एवम् शहरी क्षेत्रों में योजना निरंतर
साथ ही, योजना में SIPRI सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल भूमि उपयुक्तता, जलवायु मॉडलिंग, और वृक्ष चयन के लिए किया जाएगा
7. राज्य में आंदोलन – ‘एक पेड़ माँ के नाम’ से जुड़ी प्रेरणा
- CM ने “Ek Ped Maa Ke Naam” अभियान के तहत 1 जुलाई से 15 सितंबर तक सार्वजनिक व निजी स्थलों पर वृक्षारोपण की योजना शुरू की
- ‘एक बगिया माँ के नाम योजना’ उसी को आधार बनाकर Women Farmers के हाथों में शक्ति और पर्यावरणीय जिम्मेदारी देती है
8. सरकारी समर्थन और शुरुआती आंकड़े
- CM ने कोरोना की Jal Ganga Samvardhan Abhiyan का भी हवाला देते हुए इसे सफलता बताया
- Khandwa जिले ने सबसे ज़्यादा water structures और farm ponds बनाए हैं
- CM ने सरकारी परियोजनाओं (Irrigation, Road, Watershed) के साथ साथ ₹900 करोड़ की horticulture योजना का उद्घाटन किया
9. FAQs – फटाफट जवाब
Q1: क्या योजना केवल SHG महिलाओं को है?
हाँ, यह सिर्फ स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं के लिए है, लेकिन अगर उनके पास जमीन नहीं है तो परिवारिक भूमि का उपयोग किया जा सकता है।
Q2: ₹3 लाख सीधे खाते में जाएंगे?
नहीं—यह तीन किस्तों में खर्च के अनुसार दिया जाएगा—planting, fencing/irrigation, harvest/maintenance phases में।
Q3: SIPRI सॉफ्टवेयर क्या करता है?
यह भूमि, मिट्टी, मौसम और पेड़ की प्रजातियों के लिए उपयुक्तता सुझाता है—इससे बगिया की कार्यक्षमता बढ़ती है।
10. अंतिम निष्कर्ष
“एक बगिया माँ के नाम योजना” एक प्रतिभाशाली और प्रगतिशील पहल है—जो महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण और पर्यावरण सुरक्षा दोनों को एक साथ जोड़ती है।
- ₹900 करोड़ निवेश से महिला किसानों की आय में वृद्धि होगी
- हर्टिकल्चर आधारित व्यवसाय शहरी और कृषि क्षेत्र में नए अवसर देगा
- ग्रीन कवर बढ़ने से प्राकृतिक वातावरण मजबूत होगा
मध्यप्रदेश राज्य ने इस योजना से एक नया मानक स्थापित किया है कि सामाजिक-आर्थिक सुधार में पर्यावरणीय दृष्टिकोण का भी उतना ही महत्व है।
👉 यदि आप योजना का हिस्सा बनना चाहती हैं या स्थानीय SHG सदस्य हैं, तो योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जल्द से जल्द आवेदन करें!